The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
O Glorious Lord, consort of Parvati You are most merciful. You mostly bless the inadequate and pious devotees. Your stunning variety is adorned Using the shiv chalisa lyricsl moon with your forehead and in your ears are earrings of snakes’ Hood.
On Trayodashi (13th working day with the dark and vibrant fortnights) just one should invite a pandit and devotely make offerings to Lord Shiva. Individuals who speedy and pray to Lord Shiva on Trayodashi are always healthy and prosperous.
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥